मोगरा: ये गर्मियों का एक सुगंधित फूल है. इसकी सुगंध से शुक्र ग्रह मजबूत होता है. धन, संपत्ति, संपन्नता इस फूल की सुगंध से मिल सकती है. इस फूल को सफ़ेद रुमाल में लपेट कर रखे. जब भी धन संबंधी किसी कार्य के लिए जाना हो, मोगरे की सुगंध लगाकर जाये.
रातरानी: इसके छोटे–छोटे फूल रात को खिलते है. ये मुख्य रूप से चंद्रमा का फूल है. इसकी सुगंध का प्रयोग करने से मन शांत होता है और अवसाद कम होता है. रात रानी का पौधा बैडरूम के पास लगाना उत्तम होता है. इसके फूलो के गुच्छे को अपने पलंग के पास रखे.
बेला–चमेली: बेला और चमेली लगभग एक ही स्वभाव का फूल है. इसकी सुगंध थोड़ी तेज होती है इसलिए ये शुक्र के ताक़तवर स्वरुप से संबंध रखती है. इसकी सुगंध का प्रयोग केवल विवाह के हो जाने के बाद ही करना चाहिए. ये शारीरिक आकर्षण बढ़ा देता है. इसलिए विद्यार्थी जीवन में इसका प्रयोग न करे.
केवड़ा: केवड़ा सुगंधित फूलों वाले वृक्षों की एक प्रजाति है. इसकी दो प्रजातियां है. पीली और सफेद. सफ़ेद को केवड़ा और पीली प्रजाति को केतकी कहा जाता है. इसकी सुगंध का प्रयोग करने से नकारात्मक उर्जा समाप्त होती है. स्नान करने के पूर्व जल में केवड़ा डालकर स्नान करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है.
गुलाब: दुनिया में सबसे ज्यादा प्रचलित सुगंध गुलाब की है. इसकी सुगंध का प्रयोग भावनाओ को कोमल कर देता है. इसकी सुगंध के प्रयोग से प्रेम संबंधी और धन संबंधी समश्याए दूर की जा सकती है. इसकी सुगंध को गुलाबी कपड़े में लगाकर पास रखने से क्रोध नहीं आता. प्रेम में सफलता मिलती है. माँ लक्ष्मी को रुई में लगाकर गुलाब की सुगंध अर्पित करने से धन संबंधी समश्याए दूर होती है.
चंदन: चंदन के फूल नहीं, बल्कि इसका काष्ठ सुगंधित होता है. इसकी सुगंध दैवीय मानी जाती है. इसलिए देवी–देवताओं की उपासना में प्रयुक्त होती है. चंदन की सुगंध का प्रयोग करने से मन एकाग्र होता है और आत्मविश्वास बढ़ता है. शिवलिंग पर चंदन का लेप करके जल अर्पित करने से वैवाहिक जीवन सुखमय होता है. चंदन की सुगंध का नियमति प्रयोग करने से याददाश्त बेहतरीन हो जाती है.
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